थुआतीरा की कलीसिया ने प्रेम, विश्वास और धैर्य के साथ परमेश्वर के कार्यों की सेवा की, और समय बीतने के साथ इसके कार्य बेहतर होते जा रहे थे। लेकिन साथ ही, यह एक ऐसी कलीसिया थी जो एक दुष्ट भविष्यवक्ता से त्रस्त थी। दुसरे शब्दों में, इसका गलत कार्य यह था कि इसके कुछ सदस्यों को इस पश्चाताप न करनेवाली झूठी भविष्यद्वक्ता द्वारा मूर्तिपूजा और यौन अनैतिकता करने के लिए धोखा दिया गया था। इस प्रकार प्रभु ने थुआतीरा की कलीसिया से पश्चाताप करने और अंत तक अपने पहले विश्वास को बनाए रखने की मांग की। प्रभु ने यह भी वादा किया कि जो लोग अंत तक अपने विश्वास की रक्षा करते हैं, उन्हें वह राष्ट्रों और भोर के तारे पर अधिकार देगा।
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आज के मसीहीयों को बाइबल की सच्चाई को ठीक से जानना चाहिए। विशेष रूप से, प्रकाशितवाक्य के वचन के माध्यम से, हमें संतों के...
वचन १: “सरदीस की कलीसिया के दूत को यह लिख: “जिसके पास परमेश्वर की सात आत्माएँ और सात तारे हैं, वह यह कहता है...
वचन ८: “स्मुरना की कलीसिया के दूत को यह लिख : “जो प्रथम और अन्तिम है, जो मर गया था और अब जीवित हो...