वचन १: “सरदीस की कलीसिया के दूत को यह लिख: “जिसके पास परमेश्वर की सात आत्माएँ और सात तारे हैं, वह यह कहता है कि मैं तेरे कामों को जानता हूँ: तू जीवित तो कहलाता है, पर है मरा हुआ।”
प्रभु के पास परमेश्वर की सात आत्माएँ और सात तारे हैं। सरदीस की कल्लिसिया के विश्वास के जीवन में कई कमियां थीं। इसलिए परमेश्वर ने कलीसिया को विश्वास से जीने की सलाह दी। परमेश्वर ने यहाँ सरदीस की कलीसिया के सेवक से कहा, “तू जीवित तो कहलाता है, पर है मरा हुआ।” इसके द्वारा, परमेश्वर का मतलब था कि सरदीस की कलीसिया के सेवक का विश्वास सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए मर चुका था।
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वचन १२: “पिरगमुन की कलीसिया के दूत को यह लिख: “जिसके पास दोधारी और तेज तलवार है, वह यह कहता है कि”पिरगमुन एशिया माइनर...
वचन १: “इसके बाद मैं ने पृथ्वी के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूत खड़े देखे। वे पृथ्वी की चारों हवाओं को थामे हुए थे...
वचन १४: “लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख : “जो आमीन और विश्वासयोग्य और सच्चा गवाह है, और परमेश्वर की सृष्टि का...